Thursday 13 October 2016

हमको तो पता नहीं था कि अपने पास भी एक पटना है


जब से घर वापसी हुई है, लगता है मैं किसी और राज्य में आ गया हूं। अब आज एक खबर देखी-कोरिया जिले ‘के’ पटना में श्रममंत्री भैयालाल राजवाड़े ‘के’ बेटे विजय राजवाड़े ‘के’ सुरक्षा गार्ड सुखपाल सिंह बरार ने.. .. (थोड़ा सांस लेलूं, इतना लंबा इंट्रो लिखते फेफड़े फूल गए) दशहरा ‘के’ कार्यक्रम में गोलियां चलाईं। सुना है वहां ढिनचक डांस भी हो रहा था।
हमको खबर पर नहीं बात करनी है। हम छत्तीसगढ़ के हैं। टोटल-ओवर इन ऑल छत्तीसगढिय़ा हैं। हमारा तो आंखी चकरा रहा है। माथा घूम गया है। बताओ.. .इतने दिनों बाद आज जाकर पता चला कि अपने पास भी एक पटना है। और वो पटना भी कहां है!!??? सोचो.. . सोचो.. . !!!
 कोरिया में।
वैसे कोरिया का हमको पता था। पटना का नहीं।

धन्यवाद भैयालाल राजवाड़े ‘के’ बेटे विजय राजवाड़े ‘के’ सुरक्षा गार्ड सुखपाल सिंह ‘का’, क्या जनरल नॉलेज बढ़ाया तुमने भाई! मतलब एकदम विद्या कसम कह रहे हैं, हमको इत्ता सा भी नहीं पता था कि कोरिया में पटना है। क्या बताएं हम तो अवाक हैं कि वो ‘पटना’ अपना छत्तीसगढिय़ा पटना है। बिहार का पटना नहीं है।
तुम तो भैयालाल राजवाड़े से बड़ेवाले भैया हो।
तुमको प्रमोशन मिलना चाहिए जांबाज सिपाही (निजी ही सही)।
तुमने तो हमारा पटना हिला दिया।

 कहां थे तुम? हम यहां यूपी-बिहार में घूमते हुए हीनता का अनुभव कर रहे थे। सोच रहे थे कि देखो हमारे यहां न नाच होता, न गोली चलती। अपने यहां लोकल में धूम-धड़ाका के बारे में बताने के लिए कुछ है कहां! अलबत्ता राजनीति अपनी भी लो लेवल की है, पर इसमें डांस का हाई लेवल लाकर तुमने इतिहास रच दिया। तुमने नया आयाम स्थापित कर दिया।

हमारे यहां तो ‘बिचारा’ सीधा-सादा कलाकार लोग आते हैं। गम्मत-नाचा करके निकल लेते हैं। भई तुमने एक नया टेस्ट लाया है बाबू। एकदम यूपी-बिहार वाला। जबरा डांस हुआ है सुने हैं!
हम तो सुने हैं, तुम सुने हो कि नाही कि ये अखबारों में तुम कितना रटपटा के छाए हुए हो? कमाल ही कर दिया। इतना चंगेजी काम किया लेकिन मानना पड़ेगा तुमको।  घमंड नहीं है तुमको तनिक भी। आज अखबार देखके लजलजा गए होगे। मन ही मन कह रहे होगे ‘वहां मजा वहां सबको आ रहा था। आज अखबारों ने इकलौते तुमको ही वीरता पुरस्कार प्रदान कर दिया है। ’

 तुम्हारी धमक देखो राजा.. पुलिस कह रही है ‘ कोई शिकायत नहीं मिली है।’
हम तो कहते हैं  'जियो हो राजा.. .जियो..।'
‘बे’फालतू में यहां का बुद्धिजीवी लोग तुम्हारे पीछे पड़ गया है। ‘भैया’ सुखपाल तुमने तो एक कल्चर लाया है हमारे यहां! तुम्हारा सार्वजनिक सम्मान होना चाहिए। हमारे जैसे लडक़ों की तो छाती चौड़ी हो गई। अब हम भी यूपी-बिहार में सीना तानकर जाएंगे और कहेंगे ‘अपने यहां भी वही डांस हो रहा है भाई लोग, गोलियां भी चल रही हैं। ’

वो भी सुनके ठकठका जाएंगे। बोले तो हड़बड़ा जाएंगे। डांस-बंदूक से नहीं। जब उनको छत्तीसगढ़ में ‘कोरिया’ के होने का पता चलेगा। सन्न हो जाएंगे। वो सन्न रहेंगे तब हम दूसरा झटका देंगे ‘ कोरिया तो हइये सही, उ कोरिया के अंदर एक पटना भी है।’ झन्ना जाएगी सुननेवालों की खोपड़ी।

दू साल बाद चुनाव आ रहा है सुखपाल बाबू। तुम जैसा क्रांतिकारी-युगपरिवर्तक लोग का जरूरत है। यहां सब ढर्रा में चल रहा है। दारू बांटो-पैसा बांटो। बोकरा-भात पार्टी दो। पत्रकारों को पइसा दो। चुनाव खतम। पब्लिक इंटरटेनमेंट का कोई सोचता‘च’ नई।

माननीय मंत्रीजी से निवेदन है कि ‘हमारा कोई लेना-देना नहीं है’ कहकर पल्ला न झाड़ें। आपका अपने बेटे के गार्ड से कोई लेना-देना नहीं है तो अपन लोग से क्या होगा? अपन बोले तो पब्लिक। जनता। मतदाता।
अपने को आपका सुखपाल चाहिए।
कहां है भाजपा का सुशासन। कांग्रेस और जोगीवाली कांग्रेस का विरोध।
हमको सुखपाल लाकर क्यों नहीं देते। 
नाच का फोटू देखे हो.. .गोली का आवाज सुने  हो..
टिरेंड बदल रहा है नेता लोग..टिरेंड बदल रहा है..





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