Wednesday 7 September 2016

आई कान्ट लिव विदाउट आईफोन


भारत सेमी अंग्रेजों का देश है। हम काले हैं, भूरे हैं, आत्मप्रशंसा से भरे हुए गोरे हैं। उतने गोरे नहीं हैं जितने कि गोरे (अंग्रेज), गोरे हैं लेकिन रिश्तेदारों-दोस्तों से गोरे हैं तो गोरे हैं। दिल से इंडियन हैं, जुबान से अंग्रेज। अंग्रेज चालू चीज थे। हमको बता गए कि अंग्रेजी नहीं बोल पाओगे तो ..घंटा.. !! घंटा बजाओगे। सामंतवादियों के आदी हम। हम हीनता को हिंदी मान बैठे और अंग्रेजी को हिमालय। हमारे आज के बच्चे ऐसी अंग्रेजी बोलते हैं जैसे लंदन में घंटा .. .बज रहा है। देखो अंग्रेजों बज रहा है तुम्हारा.. . घंटा। देखो हमारे बच्चे सेमी अंग्रेज हो गए हैं। उनके माता-पिता भी हो गए हैं। तुम यही चाहते थे। पहले पाकिस्तान अलग किया। अब हमारे बच्चों को। अॅवर किड्स को।
सेमी अंग्रेज बच्चों की लिखी पोयम की दो पंक्तियों पर (बाबूलाल) गौर फरमाइए :
अंग्रेजी... अंग्रेजी ...यस पापा
हिंदी... हिंदी ...नो  पापा
एक और है, इस पर भी गौर फरमाइए (इस बार बाबूलाल नहीं):
ट्विंकल-ट्विंकल लिटिल स्टार
उसका हबी अक्षय सुपर स्टार
इन पंक्तियों को व्याकरणसम्मत नहीं पा रहे हैं? मत पाइए। आप अंग्रेजी पर आइए। अंग्रेज चले गए। अमेरिकी आ रहे हैं। उनका कोई तो मंत्री अभी दिल्ली में घूम रहा था। जाम में फंस गया था। ओह मॉय गॉड हो गया था। किसी ने सोचा था एपल बेच कर कोई बंदा दुनिया का सबसे बड़ा प्रेरक व्यक्तित्व बनेगा। हमारे यहां भी एपल बिकता है- सौ रुपए में एक किलो नहीं मिलेगा साहब। शिमला का है। नब्बे तो अपन को खरीदी लग जाता। ऊपर से माल भाड़ा ज्यास्ती।
एपलवाला- स्टीव जॉब्स। कोई ज्यास्ती नई रे बाबा। हमारे यहां तो चाय पर आकर बात खत्म। चायवाला- नरेंद्र मोदी। ज्यास्ती है रे बाबा। स्टीव जॉब्स ने बताया कि कैसे एक एपल से दुनिया बनी (एडम और ईव)और आज वही एपल (मोबाइल)दुनिया चला रहा है। महान जॉब्स चले गए। एक के बाद एक एपल आ रहे हैं।  टिम  कुक एपल को आगे ले जा रहे हैं। हम फाइव-एस खरीदने की सोच रहे हैं। ये उसके पहले ही सेवन और सेवन एस ला रहे हैं।
सेमी अंग्रेज बच्चे फिर चिल्ला रहे हैं- पापा एपल चाहिए। आईफोन सेवन यू नो। पापा कह रहे हैं- घंटा....!!!घंटाभर हुए हैं लांचिग को। इंडिया के मार्केट में आने तो दो। जाओ तब तक चेतन भगत को पढ़ो। वो नहीं मिले तो गेम ऑफ थ्रोन्स देख लेना। वो भी ना हो तो घंटा.. ...!!! घंटाभर टीवी देख कर सो जाना।
मोदी बार-बार अमेरिका जा रहे हैं। इधर विरोधी उन पर आरोप लगा रहे हैं। सातवें वेतनमान की सिफारिशों की आईफोन सेवन की लांचिंग से सेटिंग बता रहे हैं। शंका सही है। दोनों सेवन इस साल एक साथ कैसे? सातवें वेतनमान का पैसा आईफोन सेवन की खरीदी में जाएगा क्या? मोदी का अमेरिका दौरा बार-बार क्यूं? मोदी का मोबाइल कौन सा है? आईफोन है कि माइक्रोमैक्स?
टेणेन.. टेणेन.. सबसे बड़ा सवाल- क्या उनके हरिद्वार के मेले में बिछड़े भाई (जिन्होंने जरूरत से ज्यादा बड़ा हो जाने पर एक-दूसरे को दाढ़ी से पहचाना था) बाबा रामदेेव आईफोन ही चलाते हैं या पतंजलि लाएगी स्वदेशी फोन? आईफोन के पीछे दांत से कटा सेब है। उनके फोन में आधा खाया केला होगा। फोन में होंगे अस्सी प्रकार की जड़ी-बूटियों के एप। योगा करता हुआ कैमरा। दांत कैसे भी हों कैमरे में नजर आएंगे चमकीले। दंतकांति वापरें। एक बात तो हम बताना भूल ही गए। माइक्रोमैक्स के मालिक ने गजिनी की हीरोइन से शादी कर ली है। बारात का स्वागत। हंय.. सस्पेंस.. !!!!!!  टेणेन.. टेणेन.. कहीं बारात का स्वागत आईफोन से तो नहीं किया गया  होगा!!!! अरे यार अब ये बात कहां से आ गई। विषय से भटको मत।
 ठीक है..ठीक है..
सेमी अंग्रेज भारतीयों से निवेदन है कि वे अक्टूबर तक इंतजार करें। आईफोन का नया अवतार आएगा। उसके बाद आपके सारे दुख दूर हो जाएंगे। आप चैन का घंटा बजाएंगे। आप उसके नए फ्रंट एचडी कैमरे से अपनी सेल्फी लेकर लिखना- ऑवसम। माई आईफोन सेवन इज बेस्ट। आई कान्ट लिव विदाउट मॉय आईफोन।
घंटा..
अरे घंटाभर हो गया लिखते हुए। अब बंद। हम सैम के संग।

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